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Wednesday 13 May 2020

पिरेम


1.
धर्ती अर अगास
द्वी मायादार
टक लगे दयखणा रैन्द
एक हैका तैं दिन-रात
मायाळा ह्वे
कबि भिटोळी नि ह्वे द्वियों की
अर न होणे आसा
पर !
समग्र पिरेम छां यू मा।

वा नीलू असमान
कबि रणरणा घामल
कबि रिमझिम बर्खल
धर्तीऽ क्वोळी भरद
अर हरि धर्ती नाना परकार का
फल-फूलोंऽ सुगंध भेजदी।

धर्ती अर अगास
क्वसों दूर ह्वे किन बी
सर्मपित छां युगों बटिन एक दुसर पर
अर,
समझान्दा रैन्दा दुन्यां तें पिरेम
कि !
पिरेम मा विश्वास, समर्पण छै त,
दूरी क्वी अड़चन नि होंद
सच्ची माया
स्वार्थ नि त्याग मंगद।

@ अडिग


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