1.
जिन्दगी
फजलौ
कौंळू
दु्फरो
भडांग
छाडळकै
स्येळि
ब्याखुनी
सीऽलु
ह्वेगी
रात
रैगी
बात
या
त च जिन्दगी। 2.
ब्याळि आज
आजऽक भ्वोळ
अर भ्वोळ!
नै फजल
नै किरण
ओंशे बूंद, स्यां।
इत्गा च जिन्दगी।
3.
बाळापने
तड़म-तिड़ै
ज्वानी
भड़म-भिड़ै
बुढापे
थिड़म-थिड़ै
इत्गा
कर्दी जिन्दगी।
4.
ब्याळी तैं रुण्यां
आज तैं खपोण्यां
भ्वोळ तै तरसौंण्या
या त कर्दी जिन्दगी
5.
जिन्दगी
का
एकनस्या
साज, बाज
जैन
जति बिंगी
वति
बजेन
वति
छटकेन
कैन
ताळ बणेंन
कैन
उनि डंगड्येन।
6.
कर्मोंऽ
स्याही
अर
सल्ले
कलम से
दिनोंऽ
पन्ना फर
लिख्यूं
एक कलेन्डर च जिन्दगी।
7.
जिन्दगी काॅपि
सब्बी भरदा
कुछ पन्ना रय्खड़-ब्यखड़
कुछ पन्ना सुन्दर
स्वाणा
कुछ पढ़ण लेख
ह्वे जान्द
कुछ छवडण लेख।
8.
बसन्ते
बहार
रुड़ी
तड़तड़ाट
बसग्याळे
तबराट्
ह्यून्दे
ककड़ाट
छैः
ऋतुओं चार
बारा
मैनो बार
या
जिन्दगी अन्वार। 9.
जिन्दगी
घड़ी पेन्डुलम
दिन रात चलद्,
गिरस्थि होर-पोर।
10.
धर्ती
फर जीवन
संघर्षों
वास्ता च
आराम
त यख बटिन
जाणा
बाद
ना
चै किन बी
कन
पड़ल
ये
वास्ता
लग्यां
रावा
जत्गा देह घिस्येली
वत्गा
चमक
वात्गा
संचय
जु
यख छुटलू।
@ Balbir Rana 'Adig'
@ Balbir Rana 'Adig'
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