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Wednesday 13 May 2020

इनै सूण



1.
कति दिन बटिन
ब्वै लगीं रे, इनै सूंऽण दे बाबा
अर! वा, वोग लगणु रौ
कि ब्वै कखि रुकणु न बोलि द्ये,
पर ! बिदै बगत औंसू धाराऽ दगड़
वींऽन एक कुट्यारी थमैन
ल्ये बुबा, कुछ जन्त-जोड़ो काम ऐलु,
मिन सूणी तै सैरों मा
भिज्यां खर्च होन्दू
नयीं गृस्थी ब्वटण मा।

2.
पिताजीऽ न बोली
इनै सूंऽण ब्यटा टक लगै
खैल मा फस्ट औण से
भाग ल्येण मैत्व रखद
फस्ट औंणा चक्कर मा
जिन्दगी रेस ना बणाया लो।

3.
भैजिन बोलि
इनै सूंऽण रे, नाक धर्या
कामयाब होण चैन्द
इन न ह्वो
तिमला का तिमला खतैन
अर नांगी का नांगी दिख्येन।

4.
काकाऽन ब्वोली
ब्यटाराम, इनै सूण
मेरी बी दुन्यां खंयी च
देश विदेश तलक,
काम इन कर्यां
आँखि बी रै जौं
अर खौड़ बी नठि जौं।

5.
बस साब ! इना ही,
कब्बी क्वे इनै सुणान्दू
क्वै उनै बिंगान्दू
सिद्धान्तौं का बीच
जिन्दगी पिसीणै रैन्द
घिसणै रैन्द
कुछ सिद्ध ह्वै जान्दा
कुछौं कु बिगैर सिद्धऽक
अन्त  .............।

@ बलबीर सिंह राणा 'अड़िग' 

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