बलात्कारियों यनु इलाज ह्वेगी जरूरी
फेर नि रैलू बांस नि बजैली बाँसुरी
एक दां सच्चा मर्द बणै कि दिखावा
बीच बिचा मा रोणे तै नीति छवाड़ा
ख्वला तै न्याय देवी आँख्यों की पट्टी
दिखी जैलू कख साफ , कख छ टट्टी
संसदा दिदों, यनु इलाजै द्यावा मंजूरी
फेर नि रैलू बांस नि बजैली बाँसुरी
बल यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः
इन मा कनै ह्वली पूजा कख बे आला द्यबता
दुशासन घुमणा सड़क्यों पुन डौर लगीं भारी
वीर लक्ष्मीबाई देशे नारी तैं न बणावा बिचारी।
यूँ कि झगड़े जड़ कटणों द्यवा मंजूरी
फेर नि रैलू बांस नि बजैली बाँसुरी
यखक मर्दोंन नारी इज्जते वास्ता लंका जलै
घौरे आबरू पे हाथ डालण वालूँ तैं महाभारत रचै
लोकतंत्र का ये कानूनsल कन किन्नर बणायी
शिखण्डी दयेखि सब भीष्मोंळ हथ्यार धैर्याली
अब मूमबत्ती नि चिता जगोणे द्यवा मंजूरी
फेर नि रैलू बांस नि बजैली बाँसुरी ।
@ बलबीर राणा 'अड़िग'