कुयेड़ी तू घौ ना लगौ
बर्खा तू कब्बी ना ओ
इनमण्याँ निराशपंथ कनू
बतौ हम जौ त कख जौ।
पैल्यौ दियूँ नि मोळणू
तू फेर ठसाक लगाणू
जख तेरि मर्जी औणि
तख बम बणि फूटणू।
अरे किलै छ त्वे कौ-बौ
कुयेड़ी तू घौ ना लगौ
हैंसदू खेलदू जीवन उजाड़ी
तेरा हिस्सा मा क्या जि आयी
किलै तू काल-बिकराल होयूँ
यनु तैस-नैस करि तिन क्या पाई।
माटा मा मिलगे मौ कि मौ
कुयेड़ी तू घौ ना लगौ
यीं त्रासदी कु जबाब क्वो द्यूलू
विकास तू द्येलू या सु मथि वळू
केदार, हर्षिल, थरळि, धराली
भोळ न जाण कैकु नंबर ऐलू।
ज्यूँदी धर्ती बिणास ना लौ
कुयेड़ी तू घौ ना लगौ
@ अडिग
5 अगस्त 2025 धराली हर्षिल त्रासदी पर
5 अगस्त 2025 धराली हर्षिल त्रासदी पर

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