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Sunday 25 June 2023

द्वी झण




सैकिला द्वी पय्या

दगड़ रिंगण, दगड़ घिसण

पल-हरपल इंच-इंच खपण

जबाबदरी पर बरोबर

अग्वाड़ी-पिछवाड़ी अदला-बदली।


गिरस्थ जोर से पैडल मनु रंद

कम हवा मा भी धकम-पेल

सिंगरा-फिंगर दौड़णा रंद

दुन्यांदारी निभाणु।


कब्बी स्यंटुलों जन कज्यै किबच्याट

कब्बी घुघुतों गळज्यू घुर्र-घुर्र

एक का बिगैर हैकु नि

हैका बिगैर एक नि।


पाळी बल्दें जोड़ी

बिस्वास पर बंध्यां

एक हैकै कि थौक

चाटी-चाटी मिटोंन्दा

एक हैकै कि खैजी कन्यै

भूखा लदोड़ी बी लम्पसार ह्वे

सुनिन्द स्ये जांदा

ये आशा पर कि

भ्वोळ घ्वोला पोथुळौं तैं

खूब बटोरी ल्योला ।


अडिग यु यी

सुफल दाम्पत्य चरितर च।


बाकि अजक्याल गैरजिम्मेदार

लिव इन रिलेशनशिप वळी मानसिकतान

क्या बिंगण दामपत्य झण-झुणि। 


*@ बलबीर राणा ‘अडिग’*

Monday 19 June 2023

ननि गजल

 

हिया अजमौंण छौ,
त पैली बतौंण छौ।
 
बबालै जड़ मैंयी किलै,   
त्वेन नि सनकौण छौ।
 
बात द्वियाँ बीचै छै त,
तिसरु नि बखौण छौ।
 
इस्क.मुस्क भितरै बात,
ढिंढौरा नि पीटौंण छौ।
 
नि छै सकणें सक्या त,
बौंळा नि बिटौंण छौ।
 
फुटकुला बतै अब क्या होण,
घपरौळ मा मुंड बचौण छौ।
 
@ बलबीर राणा अडिग
 

 

Wednesday 14 June 2023

गजल

 


छुवीं  सच्ची  च  या झूटी त बतौला,
जब दाड़ सूळ उठली त बतौला।

चुप्प आँखा न बूज ममता अंधी होंदी,
बबाल पंच्यति मा पोंछलो त बतौला।

गफ्याणु रौ आगफतौ  माल  जु छन,
बदहजमी उंद-उब ह्वेली त बतौला।

स्यौण पे गीजो च्वोर मौड़ फर बाग,
जै दिन हथगड़ी पैरलो त बतौला।

किराया चक्कर मा चिफलौ न ह्वो,
जब सर्री मकान हथ्यालो त बतौला।

सेकुलर स्याळ बणी नठी जाण अडिग,
कलम ह्वलो या कलमा पढ़लो त बतौला।


@ बलबीर राणा 'अडिग'

Thursday 8 June 2023

ननि गजल


वलि वौर ठिक नि,
पलि पौर ठिक नि। 

द्योस योक म्योस द्वी
क्वी ठौर ठिक नि।

स्याळ जन भाज ना 
यति डौर ठिक नि।

अपण ऊंणि चक्रव्यू, 
यनु घौर ठिक नि।

मेमानबाजी योक दिने, 
डेली खन्यौर ठिक नि। 

बिगैर सौंग-पत्ता कु,
सुद्दों भनौर ठिक नि।

हग्याँ-मुत्याँ रील बल
यना लन्यौर ठिक नि।

भितर ऊंणि चीड़ी-च्योंग,
भैरौ मेलख़्वौर ठिक नि।

योक बार बिंगै द्यावा,
इखरी मुंडौर ठिक नि।

बात समणी ह्वो अडिग,
पिछवड़ी झौर ठिक नि।

दशौल्या शब्दों अर्थ

वौर, पौर - वार, पार
खन्यौर - मेमान
भनौर - भंड़ारो
लन्यौर - लिन्डेर/लींडी
चीड़ी-च्योंग - चिढ़ण 
मेलख़्वौर - मिलनसार
झौर - झैर/जहर 


@ बलबीर  राणा 'अडिग'
मटई बैरासकुण्ड चमोली