धर्ती पर जीवन संघर्षों वास्ता च, आराम त यख बटिन जाणा बाद, ना चै किन बी कन पड़ल, ये वास्ता लग्यां रावा, जत्गा देह घिस्येली उत्गा चमक, उत्गा संचय जु यख छुटलू। @ बलबीर राणा 'अडिग'
लौंची उमर मा ब्वौड़ जत्गा भी गेळ/पड़गोल क्ले नि रे ह्वोलु बल्द बणि खेंचम-खैंच कु हल्या बणि जान्द सैद यु जीवनक सच च।
@ बलबीर राणा 'अडिग'