Search This Blog

Wednesday 18 November 2020

असौंग उड़ान

 


अर्चनाऽन पिताजी खुट्टा बानी सेवा लगैन, अच्छा पा मि जान्दू छौं ।

ठिक च बाबा जो टेम पर। यीं करोना का चक्कर मा एयरपोर्ट वळा बि इम्रीगेसन खुणें चार घंटा पैली बुलाणा छाँ। जो मेरी लाटी जो, उड़ । क्वे बि उड़ान असौंग नि होन्दी बा, असौंग त मनखी होन्दू। उड़ ल्ये जथ्या हौंग सक्या च। कैर अपणा मने। दिखौ दुन्यां तैं अपणा पंखों तागत। पर ! बेटा कट्यै ना। पितान अर्चना मुंड मा हाथ धरि ब्वोली।

कट्यै ना ! पिताजी मुख बटिन ‘कट्यै ना’ शब्द सुणि वींतैं जर्रा झस ह्वेन।

कटयै ना। मि बिंगी नि पा ? क्या ब्वन चाणा ?

      हाँ बुबा, बिगान्दु त्वैंतै। बेटाऽ अगर पतंगै डवोरि टेट राखाऽ त वा उड़ि नि सकदी तैकी सार्मथ पांजी रै जान्द अर ढीली छवाड़ाऽऽ त वा दूर तलक मन इच्छा उड़ि त सकदी पर या मा तैकु कटेणु डौर रैंदी। बस बात इतगा च। सबसे बड़ू सुख बिंगाण। अर दुःख बिगें नि सकण होन्दू लाड़ी। मेरु सुख दुःख तेरा हाथ पर। 

      अर्चना समझदार पढ़ी लिखीं हुणत्यळी। पिताजी बात बिंगी बि छै अर यीं शब्दे व्याख्या मने मन कर्याल बि छै। ठिक च पा आपक बेटी आपक नाक रखली। अर तैन अटैची उठैन सब्यूं तैं बाई करि घौर बटिन निकळिन।

      अर्चना तैं पता छै कि जै बाटा मि जाणु छ वा इत्गा सौंग नि वा बि नोन्यूं तैं। तैका परिकति पिरेमन चढ़ाचूड़ी मातृमि असौंग उकाळ चढ़ण चुनि। आज वा जाणी छै विदेश, पर्यटक गाइड कोर्स पर। तां से कि वापस ऐ ज्यू भौरी दिखै साकु अपणी यीं स्वाणी धर्ती कु बैभौ दुन्यां तैं। दिखै साकु अभौ कु बाना मारि सिकसौरिन उन्द भाजणा वळों तैं यख रौणों आसरो।

 

@ बलबीर सिंह राणा अडिग

#udankaar

 

Monday 9 November 2020

न्यूतु

 


    

    बिगैर नौ का नम्बर से वर्टसैप मा एक चैट पाई, लिख्यूं छै ‘हाई’। डीपी देखी मि चौंक ग्यायी कि ना क्वी बात चीत ना सेवा सौंळी, खाली ‘हाई’। भाई क्या ह्वाई ? आज घाम कने बटिन आई। जनि मैसेज फर नीलो टिक आई, मिनट बाद। किड़िंग किड़िंग किड़िंग,......झड़ झड़ झड़,..... झ़डझड़ाट करि अंद-चंद फोटों झमड़ाट, जन कि कैन पक्यां जामुना डाळा पर मरमरू हात अजमै ह्वलु। ऐरां मुबेल बिचारु सीं डाळ तैं सै नि साकी अर तैन झप्पऽऽ आँखा बुजिन, बाज-खास बंद।

      तख रावा ! अब खा माछा। आज बिचार छै कि कुछ भलि कथा बात ल्येखुला त वा बि ह्वाई। नि आन्दू वा ‘हाई’ नि ब्वल्दू मि क्या ह्वाई, अर नि होन्दू मेरु राजन बाजन सौंजड़या कड़कड़ू।

      क्या कर्दू साब पैली त मुबेल बचाणे युक्ति स्वोचि, कि सुदी अड़गट्यूँ छै या सदानी वास्ता स्येगिन। मिन गिचा भित्रे अद्दा अधुरा रक्षा मंत्र बड़बड़ेन। ऊँ नमो गुरुजी कु आदेस घोर, अघोर, महाघोर, बज्रघोर वीर हनुमंत, मैसासुर आग चल। बीर बाबा भैंरों की दैणा जागे, ह्रूं ह्रीं ह्रां ह्रीं ह्रें ह्रों ह्रूं फट पड़े। फुर्र मंत्र फट स्वाहा।

      फिर तैका मुख पर स्क्रीन क्लीनरन छस-छस छपाक धरिन, कौंळा कपड़न तैकु गात मुंड मलासी। मथि मुड़ि जति छेद छाद छाँ तौं फर फू फा करि। वीं टू जी जनरेशन तैं फोर जी मा तड़तड़ू खड़ा रौणे हिकमत दिनी कि सै ल्ये बाबु हम बिगैर जी बळा बी त सौण्यां तुमुतैं। औन बटन दबेन, त तैन थ्वोड़ी देर रगर्याट त करिन पर जंत-मंत करि आँखा ख्वली द्ये।

      जनि मुबेलोऽक बाज-खास घत पर ऐन मिन पैली चोट मा वा चैट ख्वोली जै बदिन यु टू जी विचारु अड़गटये छै। कुछ देर तक नेटवर्क बि रिंग रिटव्ळी कनु रौ पर पांच मिनट बाद मेरा स्क्रीन पर वां सोब मुखिड़याँ नाना परकार का सूट बूट मेकप मुख मुद्रा मा छाँ, जौं दगड़ मिल्यां त दूर पर बाज बचन बि निराणी पुराणी ह्वेगी छै। मने-मन कै तें सेवा लगै कै तें चिरन्जीव बोली अर ज्वा पच्छाण मा नि ऐन वूं तैं हाई करिन। पर डोरिन हाई ल्येखी नि साब। दुबारा पंगा लेणों मतलब छै कि टू जी बिचारे सदानी बिदै। अर फोर फाईब जी लेख खिसा सिलणु कु मिमा हिकमत नि छै।

      त साब, तौं फोटों रस्याणाऽक बीच एक ब्यौ कारड नजर ऐन, भैर लिफाबा मा कैकु नौं-ना कुछ नि छौं अर भितर वळा फर सब कुछ, पूरो विवरण जति होन्द।। मथि टौप ऊँ गणेसायः नमः वक्रतुण्ड महाकाय से लेकर मुड़ि तिरछा कट मा दर्शनाभिलासी तक। दगड़ मा सबसे तौळ, मेले मामु की शादी में जलूल जलूल आना बि सामिल छौं। अर एक चिपतरी अलग चिपकईं छै, जै फर लिख्यूं छै मान्यवर आप सपरिवार बराती हैं बल।  

      कारड मा तारिक देखी स्थिति साफ ह्वेगी छै कि भयात मा ठिक तिसरा दिन बाद ब्यौ छै। मुनड़ी मानड़ी पैरणे सीन से पता चलि कि फोटो सगै दिने छ। देशऽक आखरी कूणा पच्चीस सौ किलोमीटर दूर अपणों तैं देखी मन हर्षित प्रफुल्लित ह्वेगी, क्या ब्वन हिन्दी मा, बल दिल बाग बाग। उन त अजक्याल यीं स्मार्ट फोना जमाना मा लोग भैर हजारों किलोमीटर दूर वळों दगड़ द्ववकुला हुयां रैंन्दा अर एकी भितर द्वी गज मा यकुला। सात समुदर पार तलक एक गळज्यू पाणि दिखेन्दू, पर बगल सोरा भारा मा आग दर भ्योट। खैर सोरा भारें छुंवी पिसतरी बटिन इनि रै मैल्यो जन हमारी छै, तु दूण मि सौला पाथु।

      चलो नोर्मल फोन सिगनल बटिन आज फोर जी महा सुपरसौनिक स्पीड तलक पांचेक साल लग्यां छै सीं ‘हाई’ तैं पौंछण मा, पर स्याळ न्याळ पौंछग्ये छै, अब निसाब से खुसी होण वाजिब। भै साब मि बि उतळु आदिम, यीं खुसी मा पोणा पूछि पकोड़ी जग्वाल नि करि अर झट मैसेज टेब मा क्लिक मारिन। मयाळी भासा मा सेवा सौंळी बधै शुभकामना टेप करि फूल पाती इमौजी अलग।

      फिर यीं खुशी मौका पर ज्यू ख्वोली टमऽऽ एकावन सौ एक रुप्या मेरि तर्फां बटिन न्यूतु ससम्मान प्रतिष्ठा मा ल्येखी। सैंड बटन पर क्लिक मारिन अर जन कारड आई मैसेज मा स्यां, उनि न्यूतों बि पौंछिग्ये च्वां, टिक टिक। कुछ दिन तलक त नीला टिक कु जग्वाळ कनु रौ पर मैना भर बाद बि वा काळु कु काळु ही रैन। नीलो बि कने होण छै वेन, जब द्वीयूँ अपणा तर्फां कु माटु जु छळकयुं छै अपणेस पर।

 

@ बलबीर राणा ‘अडिग’

असौंग शब्दों अर्थ

 डाळ - औला वृष्टी

कड़कड़ू & अड़गट्यूँ  - बेहोस/ मुर्छित होना

बाज खास - आवाज और सांस

जंतमंत - जैसे तैसे

सै - सहना

घत - सही स्थिती

द्ववकुला - संगे साथी

आग दर भ्योट - एक दुसरे की सह ना सहना, ना देखना

स्याळ न्याळ – आखिरकार

 

#Udankaar


 

Thursday 5 November 2020

झंटयौल


कै समये बात छ, एक बुढ्या अजब सिंग का तीन नोना छै बल, नोनु मा अपणेस, भै भयात, एक जुट एक मुठ भलो छाई। खूब ह्वणकारी छै तिन्यां, नौकरी-चाकरी, घर-बण सोब चौगस। बुढ्या जिन्दगी भरो अबिन्डो अर कुड़बाग टेपो मनखी छाई। पर औलाद निमाणा अर दौ-मौ छै। बृद्ध ओस्था मा जनि परलोक जाणों बगत ऐन तनि एक दिन बुढ्यान सब्बी नोना अफूं मा बुलै कठ्ठ करिन।

      अरे नोनो, ब्यटो। मेरु जाणों बगत औण वलु छ, अब ना जाण कखमु धागु टुटी जौं। अर साब बुढ्यान अपणु ल्येण-देण, हिसाब किताब तौं मा बतैंन बिंगैन। अर आखिर मा, सब ठिक-ठाक भवनचारी छ रे नोनो भगवाने किरपा सि ये गुठ्ठ्यार मा। पर ? अटगी -अटगी सौजी ब्वोलि। पर ?  तुमु मा एक तैं मेरी जैजाद नि छ रे । तैका बाद बुढ्यान अग्ने क्वी जुबान नि ख्वोली।  क्यांकु, किलै, कुछ नि बतैंन कि कैतें किलै  नि छ जैजाद। तिन्यायां नोना हक-दक !! आखिर घड़ी मा कैतें, किलै पुछणें हिकमत बि नि ऐन। स्याळ-न्याळ कुछेक दिन मा बुढ्यै वा तीति जुबान सदानी वास्ता बंद ह्वेगिन।

      नोनु ल पितर कारिज मा बड्या  सुपुत्र धरम निभैन। चर्चरी बरबरी तेरवीं तिरिसी खवेंन लोगूं तैं।  पर बाबा का आखर दौं अणमिला बचन सब्यूँ क जितम बिणाण लगिन। एक हैका तैं सक्के नजरन देखण लगिन। भै भै मा भितर-भितरे  खुण्स-मुण्स सुरु होण लगिन। भितरे वा खुण्स मुण्स कज्ये झगड़ा मा भैर औण लगिन, अर आखिर एक दिन वा बिबाद खुल करि पंच्येत मा ऐन। पंच्येतन बि क्या ब्वन छै यीं जद्दि बद्दि मा। वा बि जब अबिन्डन भ्येळ त धिकाई पर उन्द नि चैन। पंच्येतन तिन्यां भै तैं पुळयै-पथ्यै सौ-सल्ला पर रौणे सल्ला दिनी, कि यार दगड़यो  ब्वन वळु त चलग्ये, अब तुम किलै च अपणु बरमंड ततौणा सिं बात फर।  अर उन बि सरकारी रिकोर्ड मा तुम तिन्यां अजब सिंह का ही नोना छन।

      पर ? दिन दीनी तिन्यां भै भितर वा बात ग्वऽसै जन आग सुलगणी रै, कि हमु मा झंटयौल क्वो च ? दिनो-दिन राड़-धाड़ बड़ण लगिन। आखिर जब पाणी मुंड मथि औण लगिन त एक दिन कैकि सल्ला पर तिन्यां भैऽन म्वर्यां बुबा पर अदालत मा केस दर्ज कैर द्ये।

जज मा जब अजब सिंग कु अजब केस पौंछी त जज साब बि पैली दां गफळा-चिफळी मा ह्वेन। पर बिक्रमादित्यै कुर्सिन फैसला त देणु छै। जद्दि बद्दि छै पर कुछ काण-म्योण त रै ह्वलु बुढ्ये बात मा, बिगैर उण्स-बिण्साऽक बुढ्यान यतनि आग नि लगाण छै। बिगैर चिटिंग-बिटिंग लगि चिमराट नि पड़दी बल। बड़ा अदिमों कु बड़ू दिमाग बल।  

      जजन अफूं मा हल निकाळी अर मुवकिलों तैं हैका दिन पेसी तारीख दीनी अर ब्वोली कि ते दिन अपणा पितजी फोटो दगड़ मा ल्याउन। हैका दिन अदालत लगिन, बुढ्ये फोटो सामणी दिवाल पर टंगणों आदेस दिये ग्यो। जज साबन अदालतै कारवै सुरु कैरी ब्वोलि कि भै लोगो मिन सूणि तुमारु बुढ़या भौत अबिन्डो छाई सच्ची। सब्यून हां मा मुंड हिलेन। अर उल्टु म्वन दां वा तुमरी झिकुड़यूं मा डाम जुदे धैर चलग्यों। त, ब्वाला, क्या यना अबिन्ड आदिम तैं सजा मिलण चैन्द कि ना ? सब्यून खिर्सी-ख्र्सिी हाँ ब्वोली। फेर जजन इनि हौर सुलगणी वली बात ब्वोली कि जां सि  वा तिन्यायां खूब जिगस्यो, अर अपणा बुबा फर गुस्सा कैरो। जब तिन्यूं पारा सातौं अगास चढ़िन त जज साबन बोली निकाळा खुट्टोऽक ज्वोड़ू अर जुत्यावा तै अबिन्डा तैं। 

      आदालत मा सब्बी लोग जज साबा आदेस से हकदक छाँ कि औलाद कन क्वे अपणा बुबा पर जुत्ता मारि सकदू। चै बुबा कतिगा नखरू अबिन्ड-सबिन्ड किलै ना ह्वो, पर बुबा त बुबा होंदो। सच्ची औलादे हिकमत त कत्ते नि ह्वे सकदी पर झंटयला-मंट्यलों क कुउमाळ, क्व जाण, ऐ जावो। 

      जजन फेर गुस्सा मा बोली रुकणा क्या छाँ ? मारा साले तैं जुत्ता। छपोड़ी जुत्यावा। पैली अपणा जितमो डाम स्येळी कारा फेर मि द्योलु फैसल। ज्यून्दो होन्दू त अब्बी डळदू जैल वीं बुढया तैं।

अब तिन्यां भै गुस्सा मा ज्वोड़ु उठै भिभड़ाट करि जाऊन, पर फोटो समणी झिसकी जावो, कैकु हाथ ना उठौ। जज फिर तौं तै हौरि गुस्सा दिलों, जिगस्यावो अर वा तिन्यां भिभड़ाट करि जावो अर फोटो समणी झिसकी जावो।

      त साब। तातु-मातु यीं झपोड़ा-झपोड़ी मा आखिर तिन्यों मा एक की हिगमतन नातो चौबाटा धैर फोटो पर जुत्ते झपाक मारि दिनी। सर्री अदालत सन्न !! चुप।

      जज साबल ओर्डर ओर्डर करि टेबल बजैन, केसा विषय मा बिगैर कुछ ब्वलि आज आदालत की कार्यवाही यहीं पर समाप्त होती है बोली कुर्सी छोड़ी भैर निकळग्यों।

      सब्यों सक-सुब निबटी ग्ये छै कि झंट्यौल क्वो च। जुत्ता मनु बळु बि अब अफूं मा हकदक छै, पर वा कैर बि क्या सकदू तैका भितर झंट्यौल खाब कताड़ी खड़ु छै अर सच्चू पुत्र गैब।

 

@ बलबीर सिंह राणा अडिग

 

असौंग शब्दों कु अर्थ :-

 

 झंटयौल - नजैज औलाद। कुड़बाग - बदजुबान। दौ मौ - सम्पन। स्यालि न्यालि - आखिरकार

खुण्स मुण्स - वाद विवाद। जद्दि बद्दि - असंगत बात। ग्वऽसै – गोसा/ उपला। गफळा चिफळी - द्वंद्वात्मक स्थिति। काण-म्योण - कंकड़ मंकड़।  उण्स बिण्स - ऊँच नीच। चिटिंग बिटिंग - कीड़ा काटना। जिगस्यो – जिगस्योण/ गुस्सा दिलाना। खिर्सी-खिर्सी - अत्यंत गुस्से में होना।

  



Tuesday 3 November 2020

निसाब

 


    

      आज अदालत मा भिज्यां भिभड़ाट छै। होण बि किलै नि, जब केस इनु ह्वा। एक तर्फां पीरी घ्यन्दुड़ी अर हैका तर्फां पिरेम मिस्त्री। बात इन छै कि पिरेम मिस्त्री का आळा/खादरा मा रोण वळि पीरी घ्यन्दुड़ी कुऽ मालिक पिरेम मिस्त्री पर अभ्योग लगयूं छै, बल यु हमारु हत्यारु छ। हमारा घौर उजाड़ण मा सबसे बड़ू हाथ येकु छ, युऽयी कुड़ियूं त्वोड़ी सिमेंटेट मकान बणान्दू। 

    तो, साब मामला पौंछिगयूं अदालत मा।  घ्यन्दुड़ी तर्फां बटिन सरकारी वकील पैरवी कनु छै अर भौंणयेर छाँ वन्यजीव संरक्षण मंत्रालै, कत्गा समाजसेवी संघठन, पक्षी मित्र, पर्यावरण विद अर साहित्यकार नमाण। प्रींट, इलैक्ट्रोनिक से लेकर सोस्यल मिडीया मा यीं केसै चर्चा सळौ जन डार छयीं छै।

      त साब। अदालतै कारवै सुरु ह्वेन। पक्षा वकीलन जिरै मा सर्रा संगसारा नियम कानून ख्वोली अदालत मा घ्यन्दुड़ी निसाबो पक्ष रखिन अर जीव संरक्षण का खतिर मानवीयता कु सज्ञान दिलै पिरेम मिस्त्री तैं सक्त से सक्त सजा देणें सिफारिस कैर थैंक्यू मि लॉर्ड ब्वोली।  पिछने दर्शक दीर्घा बटिन भौंणयेरों ताळी अर हुंगरा बदिन अदालत गुंजिन।

      बचौ पक्षऽक वकीलन जिरह मा अपणा मुवकिल तैं हर कोसिस निर्दोस साबित कने कोसिस करि। पर ! आखिर दां जजऽक फैसला मा पिरेम तैं सजा सुणेंयी ग्ये। आज जैका पठाळ छा कूड़ी भितर कतिगा घ्यन्दुड़यें मवसी राजन बाजन छै वा हारीग्ये छै अर जीत्याँ छाँ वां सब जौंका आलीसान भवनों मा पौथुलों क्या किर्मुलौं बासु नि छै।

 

@ बलबीर राणा अडिग

#udankaar