1.
वे दथुली छुंणक्यौंन
मेरी निन्द चट
बिजी जान्दी छै
जुंगड़ाऽ उन्द
जब ब्वै
दूधि पिलाण से पैलि
वीं दथुली तैं कर्चुला बटिन
भुंयाँ रखदी छै।
2.
वे दिन ब्वै भिज्यां डरणी छै
जै दिन वींऽ दथुली बटिन
द्वी छुंणका नठिग छै
ब्याळि तलक चार छै
आज द्वी रैग्यां
न जाण गुरो
यूं द्वीयों देखि
भाजो या न भाजो।
3.
छुण.. छुण.. छुणऽण..ण
छुण, छुण, छुण..ण.ण, छुण।
छुणक्यों गीत दगड़
कबि कबि वा बिसरी जान्दी
जुंगड़ा उन्द भुखा बाळै कळामळि
दौंळा बंधि मुर्रा भैंसी तीेस
परदेश बटिन सैंकण्यां मैंसे बडुळि।
4.
ल्वार दिदाऽ मेरि दथुलि छुणक्यां लगै द्ये
पाथू भौरि डड्वार द्यलु दथुली सजै द्ये
घुंमक्यळि ह्वो दथुली जरा धार चरा चर
कामें की छटपटी बणायी धाण सर्रा सर
ल्वार दिदाऽ मेरि दथुलि छुणक्यां लगै द्ये
पाथू भौरि...................
छुणक्यां तु इनि लगैन बाजी छमा छम
घास काटी मुठठी भौरीं भमकि भमा भम
ल्वार दिदाऽ मेरि दथुलि छुणक्यां लगै द्ये
पाथू भौरि...................
छुणक्यां देखी दाथि मेरी नाचै फर्रा फर
डिबुलि भौरी दूध द्येलि भैंसी गर्रा गर
ल्वार दिदाऽ मेरि दथुलि छुणक्यां लगै द्ये
पाथू भौरि डड्वार द्यलु दथुली सजै द्ये।
@ बलबीर सिंह राणा 'अडिग'
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