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Monday 6 April 2020

फौजी बक्सा

जोश-खरोसा नारा बी गुजणा छै
ढाड, कंरांटै पिड़ा बी सुणणी छै
फौजी बेंड बाजा, भिज्यां भिभड़ाट छै
कै गौं मा आज शहीदे बिदै बात छै।

भारत मातै जै
बादुर सिंगे जै
बादुर सिंग जिंदाबाद
पाकिस्तान मुर्दाबाद।

तिरंगा पर लिप्टयूँ ताबुत
तै भितर सुनिन्द एक सपूत
फौजी सम्माण से आखिर यात्रा
पुष्पांजली दगड़ आखिर मुख जात्रा।

मंत्री संत्री समाज सेवक
मीडिया कैमरा झरक फरक
सब्यूं बड़ी चढ़ी हिस्सादारी
आखिर सतै अपणी जिमेदारी।

दयेनी सब्योंन ढाढस, संत्वाना, सारू
मौ- मददो वादा जै से जति ह्वे साकू
डळबळी आंख्यों से श्राधांजली
बिगुल पैप बेंड बाजों की कळकळी।

अब अग्ने होंण खाणे बातें
अपणा हिस्सा हत्याणे बातें
द्यखा रे द्यखा ! कख कति धरयूं ?
कैका हिस्सा कति पांज्यूँ ?

ब्वारी, नोना, ब्वै, बाबू हिस्सा
ह्वलू कुछ होर लेंण दयेणु किस्सा
ख़्वाला बक्सा, अटैची कखि त ह्वलू रख्यूँ ?
द्यखा डैरि-डूरि मा कुछ ह्वलू लिख्यूँ ?

डैरि मिली,  एक ना तीन तीन
अग्ने हाल फर सब छाँ गमगीन
मिली फौजी वळू फौलादी जिगर
खैरी, पिड़ा अपणा   जीवने डगर।

वर्दी भितरो कौंळू कंयारु ज्यू बी मिली
अपणु की चिंता प्यार पिरेम बी मिली

मिली एक ना चार चार मुबेल नंबर
जौं से पूछदू छै वूं कि खैरी खबर
नि मिली जै तैं स्या ढूंढणा छायी
हिसाब किताबो पन्ना क्वोरु पायी।

ढाड - रोने की दहाड़
क्वोरु - कोरा

@ बलबीर सिंह राणा 'अड़िग'

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