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Saturday 9 March 2024

लड़ीक



अपणी मनसै टाळबरै 

अर सर्री कुटुंबदरी आसा फर 

अपणा आप पूरो खर्च ह्वे जांदो लड़ीक ।


घौरे साग-भुज्जी अर सामळ

बाबे बीपी, ब्वे घुनै दवै जामळ 

कज्याणी धोती, नोनू सुलार

गौं-ख्वालौं न्यूतो, डौ-डड़वार

संगता घटै जन भंवार उड़दू रैंदो लड़ीक।


यार-आबत वार-पार 

सुख दुःख मा आर-सार

चैता मैन बेणियूँ आळू भिटोळी

पंच्यैत-संज्यैत कारिजै गडौळी 

जंतमंत करि बोकणू रैंदो लड़ीक।


क्वाँसिलौ कंयारु भितर बटे  

मजबूत करड़ो भैर बटे

आँख्यूँ आँसु भितर गौटी

मुखड़ी पर बिपदा-भै रोकी 

आफत मा सब्यूँ धीरज बंधान्दो लड़ीक।


अबैर दां ना, हैको त्यौवार बतान्दू

ब्वे तैं मैना अर तारिक गिणान्दू

नौकरी मा औबर टेमा खातिर

हैका साल भुली ब्यौ खातिर 

हर बार छुट्टियों तैं टालदू सु लड़ीक।


जिम्मेदार्यों बोझ 

काँधियों उणि समझांदू

घौरै इज्जत परमत 

थकदा ख़ुट्टों उणि बींगांदू

जब कब्बी असौंग ह्वे जांद त 

चुपचाप अफूं मा कणान्दू लड़ीक।


©® बलबीर सिंह राणा 'अडिग'

ग्वाड़ मटई बैरासकुण्ड चमोली

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