मनख्यूँ का गैल्या,
पाप भर्यों मैल्या
चल पंछी बणी जौला
बद्री विशाल का चरणों मा
चल माथा टेकी कि औला
जै बद्री बोली कि औला
जै बद्री बोली कि औला
दुन्याँ का रंग मा नि रंगणु
तैं रंग मा पाप भर्यों चा
माँ चंद्रवंदनी को मंदिर
ऊँचा डांडा मा कन सज्यूँ चा
प्वतळयूँ का भेष मा जौला
बादळ बणी कि उड़ी जौला
माँ चंद्रबदनी का चंरणों मा
फुल पाती चढ़े कि औला।
जै माता बोली कि औला
जै माता बोली कि औला
जै माता जै माता जै माता जै
जै माता बोली कि औला।
काली मठ मठणयाँ काली
हे माता तू रक्षा कारी
केदार कांठा भोले शंकर
हे बाबा रुष्ट ना ह्वायी
सौजी उकाळ चढ़ोला
बाबा का दर्शन कर्योला
बाबा केदार का लिंग मा
जल दूध फूल चढ़ोला
जै केदार बोली के औला
बम बम बम बोली औला
गढ़देवी माँ धारी माता
सुरकंडा सुरकूट कांठा
जगपाल माता जगदम्बा
देणी हुयाँ ईष्ट देवी नंदा
माँ नंदा जात मा जौला
झूमी झूमी जागर लगौला
चौ सिंग्या खाडू का पीठी मा
माता भिटोळी चढ़े औला
जय नंदा बोली कि औला
जय भगोती बोली कि औला।
गढ़भूमि हमरु गढ़वाल
वीरों भड़ों की चा थाती
तेरा खातिर मरि मिटी जौला
गढ़भूमि हे जलम माटी
पुरखों का बाटा हिटोला
छाँचड़ी झुमेला ख्यलोला
ढ़ोल दमोंऊं की थाप मा
पाँच भै पंडो नचौला
जै गढ़भूमि बोली कि औला
जै गढ़वाळ बोली कि औला।
जै माता जै माता जै माता जै
जै माता बोली कि औला
जै बद्री बोली कि औला
जै बद्री बोली कि औला।
मनख्यूँ का गैल्या,
पाप भर्यों मैल्या
चल पंछी बणी जौला
बद्री विशाल का चरणों मा
चल माथा टेकी कि औला
जै बद्री बोली कि औला
जै बद्री बोली कि औला
@ बलबीर राणा अडिग
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