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Friday, 21 May 2021

पिरेमों व्याकरण

 कब्बी स्वर कब्बी व्यंजन

दगड़ दगड़ी बरोबर जतन

ना जादा मातरों घंघतौळ

न सर्ग विसर्गों झौळ

ना अल्प विराम

नि लगाण पड़दू पूर्ण विराम

शब्दों कि अनन्त डार

जति लंबी जातरा वति ग्रंथ अपार

एक हैकक चंद्रबिंदु, साज सिंगार

मिठ्ठी करकरी छुयोंक रस अलंकार

बस सुणण/बिंगण - मनाण/मानण 

इतगा त सरल छ, पिरेमों व्याकरण।


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