दिव्य स्वरूप कु दर्शन दे जा,
सकल चराचर हे जग माता।
नौ शक्ति रूप वळी मेरी माता,
तेरा द्वार अयूँ तेरु पुत्र माता।
कंयरी धै भगतों की सुणी
चट परगट ह्वे जांदी।
हे जगदम्बा, हे महामाया,
कष्ट निवारणी बणि आंदी।
नो दिन नोरतों मा माता
तेरा नो कु गुण गांदा माता
दिव्य स्वरूप कु दर्शन ........
ऊंचा हिंवाला जलम ल्येनी,
दर्शन शैल पुत्री कु ह्वेनी।
शैलपुत्री रूप पै किन
भगत तेरा धन-धान्य ह्वेनि।
पैला दिनु कु न्यूज पूज
तेरा चरणों मा अर्पित माता
दिव्य स्वरूप कु .......
दूजो रूप ब्रह्मचारिणी कु
सत-स्वभौ धर्ती मा लांदी।
चंद्रघंटा कु तीजा रूप से,
पाप-ताप मुक्ति ह्वे जांदी।
क्वांसी छै तू दयावंती माता
भगतों कु दुख हरणी वळी माता
दिव्य स्वरूप कु .......
असम्भौ बी संभौ ह्वे जांद,
जख तेरा चरण पड़ी जांदा।
माँ को कुष्मांडा रूप देखी
भय-शोक सब भाजी जांदा।।
ज्यू से जु तेरा थान मा आन्दू
सदान्यूँ तैं भै मुक्त ह्वे जांन्दू माता
दिव्य स्वरूप कु .......
धवल वस्त्र कमल आसन च
स्कंदमाता कु दमकदु रूप
नखरी चित वृति हरची जांद
देखदा जब माँ कु दिव्य स्वरूप ।।
अरिष्ट गरिष्ठ छू मंतर होंदा
पांचवा रूप तेरा देखी माता
दिव्य स्वरूप कु ........
मन इच्चा फल देणा खातिर,
माँ कात्यानी बणि आंदी
सातूं रुप महाकाली बणि कि
दुष्टों कु विणाश करि जांदी।
धर्ती पर मन्ख्यात बचान्दी
पापियों कु हा हाकार मचांदी माता
दिव्य स्वरूप कु दर्शन ......
महागौरी का आठवां रूप मा,
भगतों कि कोळी भौरी जांदी ।
नवां रूप सिद्धिदात्री सिद्ध ह्वेकी,
रिद्धि सिद्धि भंडार ध्ये जांदी ।
धन धान्य फूल पाती ज्यूंद्याल
आशीष तेरु हम पांदा माता।
दिव्य स्वरूप कु दर्शन.....
शुभ आशीष रख्यां हे परमेश्वरी,
रख्यां कृपा भगवती कृपाश्वरी ।
हथ जोड़ी अड़िग की विनती,
जग सद्बुद्धि दियाँ माता माहेश्वरी।।
दिव्य स्वरूप कु दर्शन ......
रचना - बलबीर सिंह राणा अड़िग
जय माँ भगवती, भौत सुन्दर भगवती स्तुति 🌷🙏😊
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Delete