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Sunday, 30 November 2014

-----सौं खैकी------







छयपडा भैजी कबैर तलक रैलू सौं खाणु
कुड़ी त्वेन जमे नि बणाण
भोल सुबेर त्वेन घाम मां गेर तपोण
छव्टा-छव्टा सौंजड़ियों का बांटिक खैकी
ब्यखुन्दा डकार मारी ढुंगा कुछिला लुकि जांण।

नेता तु बणगे सौं खैकी
कर्म नि होन्दा सौं खैकी
तेरी बणायी माया की कुड़ी
सदानी नि रौंदी सौं खैकी

@ बलबीर राणा 'अडिग'

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