बेटी जाणा बाद
घौर ह्वे जांद
जन
बिगैर बाछी साळी
बिगैर बल्दों पाळी
बिगैर पोथुल्यूँ फजल
बिगैर घ्वीडों चाँठू
बिगैर गेणों रात।
बेटी बिदै बाद
ब्वे बुबा रै जांद
बल्द बेच्याँ जन
खौळयाँ।
बेटी बर्यती धूम-धाम
चैल-पैला बाद
उबरा डंडयाळी मा
पसरी जांद
यकुलांसौ सुनपट
अर
भैर भितर सुणेदू
अद्दा रातौ जन
गदनों डरोण्याँ सुंस्याट।
भैर भितर सुणेदू
अद्दा रातौ जन
गदनों डरोण्याँ सुंस्याट।
©® बलबीर राणा अडिग
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