Search This Blog

Sunday 14 April 2024

कुण्डलिया

 

फजलै सेवा लगान्दू, द्यौ सूरज भगवान।

सेवा लांदू ब्वे-बाबा, गुरू ब्रह्मा प्रणाम।।

गुरू ब्रह्मा प्रणाम, ध्येनी जीवन उल्याळौ।

धरती मा ज्योणूक, ध्येनी कटकटौ सारो।।

जिंदगी जौं परताप, कटेणी सौजी सजिलै।

यीं स्वाणी धर्ती को, छ दर्शन होणू फजलै।।


@ बलबीर राणा 'अडिग'

No comments:

Post a Comment