पैंसौं की छ यारी सारी, पैंसौंन क्या-क्या नि सारी।
पैसौं की छ माया सारी, पैंसा सार-तारी चा ।।
पैंसा नि त रकबक, पैंसा परे झकमक।
पैंसौं मा यी घल्च-बल्च, पैंसा यी गुज़ारी चा।।
पैंसा पैंसा करि त्वैन, जिंदगी कु सार ख्वैन।
सदानी जोतियूँ रयूँ, बणी रयूँ बैल चा।।
संगता अंग्वाळ भौरी, दिन-रात करि जोड़ी,
सुख ल्यौणू तैं मनखि,
ह्वै जांद तू घैल चा।।
@ बलबीर राणा अडिग
14 Apr 24
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