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Monday 9 November 2020

न्यूतु

 


    

    बिगैर नौ का नम्बर से वर्टसैप मा एक चैट पाई, लिख्यूं छै ‘हाई’। डीपी देखी मि चौंक ग्यायी कि ना क्वी बात चीत ना सेवा सौंळी, खाली ‘हाई’। भाई क्या ह्वाई ? आज घाम कने बटिन आई। जनि मैसेज फर नीलो टिक आई, मिनट बाद। किड़िंग किड़िंग किड़िंग,......झड़ झड़ झड़,..... झ़डझड़ाट करि अंद-चंद फोटों झमड़ाट, जन कि कैन पक्यां जामुना डाळा पर मरमरू हात अजमै ह्वलु। ऐरां मुबेल बिचारु सीं डाळ तैं सै नि साकी अर तैन झप्पऽऽ आँखा बुजिन, बाज-खास बंद।

      तख रावा ! अब खा माछा। आज बिचार छै कि कुछ भलि कथा बात ल्येखुला त वा बि ह्वाई। नि आन्दू वा ‘हाई’ नि ब्वल्दू मि क्या ह्वाई, अर नि होन्दू मेरु राजन बाजन सौंजड़या कड़कड़ू।

      क्या कर्दू साब पैली त मुबेल बचाणे युक्ति स्वोचि, कि सुदी अड़गट्यूँ छै या सदानी वास्ता स्येगिन। मिन गिचा भित्रे अद्दा अधुरा रक्षा मंत्र बड़बड़ेन। ऊँ नमो गुरुजी कु आदेस घोर, अघोर, महाघोर, बज्रघोर वीर हनुमंत, मैसासुर आग चल। बीर बाबा भैंरों की दैणा जागे, ह्रूं ह्रीं ह्रां ह्रीं ह्रें ह्रों ह्रूं फट पड़े। फुर्र मंत्र फट स्वाहा।

      फिर तैका मुख पर स्क्रीन क्लीनरन छस-छस छपाक धरिन, कौंळा कपड़न तैकु गात मुंड मलासी। मथि मुड़ि जति छेद छाद छाँ तौं फर फू फा करि। वीं टू जी जनरेशन तैं फोर जी मा तड़तड़ू खड़ा रौणे हिकमत दिनी कि सै ल्ये बाबु हम बिगैर जी बळा बी त सौण्यां तुमुतैं। औन बटन दबेन, त तैन थ्वोड़ी देर रगर्याट त करिन पर जंत-मंत करि आँखा ख्वली द्ये।

      जनि मुबेलोऽक बाज-खास घत पर ऐन मिन पैली चोट मा वा चैट ख्वोली जै बदिन यु टू जी विचारु अड़गटये छै। कुछ देर तक नेटवर्क बि रिंग रिटव्ळी कनु रौ पर पांच मिनट बाद मेरा स्क्रीन पर वां सोब मुखिड़याँ नाना परकार का सूट बूट मेकप मुख मुद्रा मा छाँ, जौं दगड़ मिल्यां त दूर पर बाज बचन बि निराणी पुराणी ह्वेगी छै। मने-मन कै तें सेवा लगै कै तें चिरन्जीव बोली अर ज्वा पच्छाण मा नि ऐन वूं तैं हाई करिन। पर डोरिन हाई ल्येखी नि साब। दुबारा पंगा लेणों मतलब छै कि टू जी बिचारे सदानी बिदै। अर फोर फाईब जी लेख खिसा सिलणु कु मिमा हिकमत नि छै।

      त साब, तौं फोटों रस्याणाऽक बीच एक ब्यौ कारड नजर ऐन, भैर लिफाबा मा कैकु नौं-ना कुछ नि छौं अर भितर वळा फर सब कुछ, पूरो विवरण जति होन्द।। मथि टौप ऊँ गणेसायः नमः वक्रतुण्ड महाकाय से लेकर मुड़ि तिरछा कट मा दर्शनाभिलासी तक। दगड़ मा सबसे तौळ, मेले मामु की शादी में जलूल जलूल आना बि सामिल छौं। अर एक चिपतरी अलग चिपकईं छै, जै फर लिख्यूं छै मान्यवर आप सपरिवार बराती हैं बल।  

      कारड मा तारिक देखी स्थिति साफ ह्वेगी छै कि भयात मा ठिक तिसरा दिन बाद ब्यौ छै। मुनड़ी मानड़ी पैरणे सीन से पता चलि कि फोटो सगै दिने छ। देशऽक आखरी कूणा पच्चीस सौ किलोमीटर दूर अपणों तैं देखी मन हर्षित प्रफुल्लित ह्वेगी, क्या ब्वन हिन्दी मा, बल दिल बाग बाग। उन त अजक्याल यीं स्मार्ट फोना जमाना मा लोग भैर हजारों किलोमीटर दूर वळों दगड़ द्ववकुला हुयां रैंन्दा अर एकी भितर द्वी गज मा यकुला। सात समुदर पार तलक एक गळज्यू पाणि दिखेन्दू, पर बगल सोरा भारा मा आग दर भ्योट। खैर सोरा भारें छुंवी पिसतरी बटिन इनि रै मैल्यो जन हमारी छै, तु दूण मि सौला पाथु।

      चलो नोर्मल फोन सिगनल बटिन आज फोर जी महा सुपरसौनिक स्पीड तलक पांचेक साल लग्यां छै सीं ‘हाई’ तैं पौंछण मा, पर स्याळ न्याळ पौंछग्ये छै, अब निसाब से खुसी होण वाजिब। भै साब मि बि उतळु आदिम, यीं खुसी मा पोणा पूछि पकोड़ी जग्वाल नि करि अर झट मैसेज टेब मा क्लिक मारिन। मयाळी भासा मा सेवा सौंळी बधै शुभकामना टेप करि फूल पाती इमौजी अलग।

      फिर यीं खुशी मौका पर ज्यू ख्वोली टमऽऽ एकावन सौ एक रुप्या मेरि तर्फां बटिन न्यूतु ससम्मान प्रतिष्ठा मा ल्येखी। सैंड बटन पर क्लिक मारिन अर जन कारड आई मैसेज मा स्यां, उनि न्यूतों बि पौंछिग्ये च्वां, टिक टिक। कुछ दिन तलक त नीला टिक कु जग्वाळ कनु रौ पर मैना भर बाद बि वा काळु कु काळु ही रैन। नीलो बि कने होण छै वेन, जब द्वीयूँ अपणा तर्फां कु माटु जु छळकयुं छै अपणेस पर।

 

@ बलबीर राणा ‘अडिग’

असौंग शब्दों अर्थ

 डाळ - औला वृष्टी

कड़कड़ू & अड़गट्यूँ  - बेहोस/ मुर्छित होना

बाज खास - आवाज और सांस

जंतमंत - जैसे तैसे

सै - सहना

घत - सही स्थिती

द्ववकुला - संगे साथी

आग दर भ्योट - एक दुसरे की सह ना सहना, ना देखना

स्याळ न्याळ – आखिरकार

 

#Udankaar


 

4 comments:

  1. तु दूण मि सोला पाथु ... भौत बढ़िया कथा अडिग जी ! 👌👌

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. 😅 भलु काइ... "तु कनु मनिदि बल जन तु मनिदि 🙂"

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