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Monday 21 September 2020

गीत (गृहलक्ष्मी)



ज्यू धक धक कनू  

धकध्याणु

मन हिर हिर कनू 

हिराणु 

तू वरदान छै या किस्मत 

सवाल अफूं तैं बिंगाणू ऊँssss....

ज्यू धक धक कनू ..ssss...


वा जून सी मुखड़ी 

वा फूल सी पांखुड़ी 

ऐगे बंसत बौडी 

रुखड़ा जीवन मा दौड़ी  ई ई sss..

ज्यू धक धक कनूss ......


1. अंतरा 

धन धान्य ह्वेगी 

मेरु भाग जगिगी 

तैला मुलकू कु  घाम 

मेरा शीला घोर ऐगी ।


तू मेरी चखुली 

मि तेरु चखुला

घुघति घुघुता बणिsss

माया का बण उडुला....आ आ sss

ज्यू धक धक कनूss .....


2. अंतरा

तौं पैजब्यूँ कु छमड़ाट् 

चूड़ियों कु खमड़ाट 

खिलपत ह्वेगी मेरु घोर

लगि खुशियूँ  भिभड़ाट् 


वा चमकदी दंतुड़ी 

वा हैंसदी नथुळी

दमकदी बिंदुली sss 

जगमग मेरी डंडयळी  ...ई ई ssss

ज्यू धक धक कनूss ......


अंतरा 3. 

ऋतु बारा मैना

मेरा घोर ऐना

प्रीत की गागर भौरीं 

चखळ पखळ कैरी गेना


अरे ऐ विधि विधाता 

कृपा दृष्टि राख्या

कांडा नि चुभिन सीं पर

मेरी ग्रहलक्ष्मी ख्याल राख्या..आ आ sss


ज्यू धक धक कनू  धकध्याणु

मन हिर हिर कनू हिराणु 

तू वरदान छै या किस्मत 

ये स्वाल अफूं तैं बिंगाणू ऊँssss....

ज्यू धक धक कनू ..ssss...


@ बलबीर राणा अड़िग

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