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Saturday 19 September 2020

पितरें अग्याळ




    बिगरैलू संजोग ही छै कि मनौड़ी परिवारा तीन पितरें तीथ एकी छै, चर्तुदशी। पिताजी, दादा अर बुढ्या दादी। दिवाकर अर प्रभाकर यीं पीड़िऽक हर्ताकर्ता। बड़ू भै दिवाकर आर्युवेद कम्पोन्डर, बड़ा भगत आदिम, निमाणा, व्यौहार कुशल। सदानी घौरा नजीक पोस्टिेड रयां। सबसे बड़ू गुण जनते स्वास्थ्य सेवा। हर बगत अपणा पैंसौं से फर्स्टऐडो थैलु दगड़ रखदा। जेन जखीमु बोली दवे देन्दा अर पथ्य समझान्दा। दगड़ मा पिस्तरी काम जजमानी अर सैरुल समाळी छै। कखि बि ह्वो एकी रैबार पर जजमाना घौर पौंछी जान्दा छाँ।

    दुसरु वळु भै प्रभाकर डिग्राी पढ़यूं आई टी प्रोफिशन से बम्बे मल्टीनेशनल कम्पनी कर्मचारी। चौं तर्फां जमाने हर्क-फर्क। सोशियल मिडीयो स्टार, फेसबुक, यू टयूब, इस्टाग्राम, यू टयूटर सब्बी जगा एक्टिव भागीदारी। पितृ पक्ष सुरु होण से पैली दिवाकरन फोन करि यार भुला प्रभा यीं साल तु श्राद्धों मा घौर नि सकलु त तखि अपणा डयार मा सुक्ष्म पुज्ये कैर दियाँ। बाकी मि त घौर मु कर्दू ही छै। प्रभाकरन बोली भैजी ठिक च यीं साला श्राद्धों तैं मि यादगगार बणे द्यूला आप चिन्ता न कैरा, पितरों तै क्वी सिकैत कु मौका नि मिल्लू। आप मुबेल पर देख लियां।

    प्रभाकरन श्राद्ध सुरु होण से पैली सब्बी पित्रों फोटो कठ्ठा करि, गुगल बाबा से पितृ भक्ति का कूट अर स्लोगन निकाळी। फसक्लास पोस्टर डिजाइन कैर शानदार विडीयों बणें यू टयूब चैनल पर उपलोड करि। आखिर मा चैनल तै लाईक सियर अर सब्सक्राईब  कर्यां बी ल्येखी। अर घंटी बजोण ना भुल्यां त पैली। चर्तुदशी तीथ औण तक लाखों व्यूज, हजारों सब्सक्राईबर दगड़ चैनल च्वाँ च्वाँ। मनौड़ी परिवारा पितर घौर-घौर पौंछिन।

    तिथी दिन दिवाकर न विधीविधान से पितृ प्रसाद बणैंन, काखडी, मुंगरी, आमनी सबकुछ पितृों तै चढैन, तर्पण दिनी। सर्रा मनौड़ी ख्वाळा तैं पितृ भौज। अर पितरों तै स्येळा सिमार  सिवेन। ब्वखुन्दा दिवाकरन प्रभाकर तैं फोन करि, भुला प्रभा आज कन रैन श्राद्ध । प्रभाकर भैजी ठि...ठि...ठिक भैजी। सौरी भैजी आज एक जरुरी लाईव प्रोग्राम हौण से मि निचन्त भूलीग्यों अर बच्चोंन होटल बटिन खाणु मगैंन। दिवाकरन अच्छा करि फोन काटी। स्वचणु रौं कि कन जमानु ऐगे भगवान अद्दा मैना से पितर फोन मा सेलीब्रटी बण्यां रयां पर आज तीथ पर एक गफ्फा अन्ने अग्याळ नि पैन, धन हो विकास।

ॐ नमो व:पितरो रसाय नमो व:पितर:शोषाय नमो व:पितरो जीवाय नमो व:पितर:स्वधायै नमो व:पितरो घोराय नमो व:पितर:पितरो नमो नमो मम जलअंजलीमगृहाण पितरो वास आधत।।

@ बलबीर राणा अडिग


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