Search This Blog

Sunday 22 February 2015

चकबंदी बिंज्ञी जा मेरु भुला

किताब मा लिख्यां आँखर त मिऽटी जान्दा
भाग मा लिख्यां नि मिटदा
किताब त क्वी भी लिख सकदा भुला
जोग त्वेन अपणु खुद लिखण भुला

किले बिबलाट कनु मेरू प्यारू भुला
कुसंगति लोभ मा न भाग मेरू भुला
किले मन अपणु भरमान्दू भुला
चकबंदी मंत्र तें विंगी जा मेरा भुला 
समझी मेरु भुला
विंगी जा तु भुला........

देव भूमि मां जन्म मिलदू कै जतन का बाद
ये तें अर्खाद ना जाण दे हे भूलाऽऽऽऽऽऽ.... आज
हरि भरि ये भूमि तें बांजा ना बणण दयावा
बाप दादों की थाती तें खाली हूँण से बचावा

जड़ जंगल जमीन की लडे छिन भुला
सचु गढ़ पुत्र छै त लड़ जा मेरु भुला
रोजगारक रुण अब तु ना रोवू भुला
अपणु रोजगार अफुं बण जा मेरु भुला
रोजगार बण जा मेरु भुला........
रोजगार बण जा तु भुला

माफियों कु जंगल राज कब तलक रैलू 
राजनीति ठ्यकदारोंक हाथ कब तलक ठगण रैलू 
गरीब क्रांति मिशन कुणी चौक-चौका पोंछावा
विकासक रांकों थामी घर-घर उज्यालू करि जावा

गणेश भैजी स्वेणा तें साकार कर भुला
इकुलांस हुन्य्याँ पाड़ तें उदंकार कर भुला
ये धरती को भुम्याल छै तु रक्षा कर भुला
पाडे कि पाणी-ज्वानी समाल मेरु हूला
समाल मेरु भुला
रक्षा करि जा मेरु भुला .....

किले बिबलाट कनु मेरू प्यारू भुला
कुसंगति लोभ मा न भाग मेरू भुला
भाग मेरू भुला .....
भाग मेरू भुला .... 

गीतकार :- बलबीर राणा “अडिग”

No comments:

Post a Comment