सुद्दी ब्वने बात नि या भ्वोळे त्यारी च
या भूमि हमारी बाप बपोदी थोकदारी च।
बिगैर भू कानून अर चकबन्दिल भुलाराम
तुमरी जमीन, नेतों चकड़ेतों तैं दूधा धारी च।
इनि सियां रै ग्यां त घुंत्या चुसण हमुल
भ्वोळ यूं सैंचारों मा हैकें पदानचारी च ।
बेचण वळूं क्या तोंन असमान बि ब्येचिन
रोका भैसाब, यु धर्ती माँ तुमरी हमारी च।
स्वचणा क्या रे, जड़ जंगळ का मालिको
भ्वोल तुम यूं सड़क्यूं का कुल्ली कबाड़ी च।
फसोरी पड़यां रावा तुम तखुन्द सौ गज मा
भ्वोळ यखक मालिक मुनस्यां अर दाड़ी च।
धै नि लगेल्या त कुर्सिन सिंयी रौण अडिग
तौं बिजाळणू अब फिलिंग ना रांके बारी च ।
मटई बैरासकुण्ड चमोली
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