Search This Blog

Sunday 15 March 2020

छिटगा : ममता

1.
ममताऽऽ, ए ममता
चुप घ्वोऽट मार दौं
ना ब्वोल, कतै न ब्वोळ 
अपणा बारा गाराऽ सब्योंन पीसण

2.
ऐरां ममताऽ....
तु माण्दी नि ?
स्या ज्वान क्या
बुड्या बी ह्वे जाऊंन 
पर, त्वेन तैं 
अबोध बाळा ही रैंदिन सदानी।

4. 
ममताऽऽ
तेरी मनसा रैन्दी कि 
स्या सदानी बाळा ही रावो
अर, तेरु पल्ला पकड़ी
रिंगणे रावो, तेरा चौं तर्फां
अर तु कब्बी काँधि
कब्बी घुघि धैर ळाड़ कने रौ।

5.
ममताऽऽ
तेरु स्वभौ मि जण्दू
तु मानण वळी नि छ
त्वेन त ब्वने छ
आखिर सांस तलक।

6.
ममताऽऽ
मितैं लगणु 
तेरु वा क्वांसू पराण
नखरी माया
तौं तैं लुळा न बणें द्यो
अरेऽऽ, जाण द्ये, उड़ण द्ये ।

7.
ममता, ममताऽऽ ! 
त्वे नि लगणु 
तेरु हर बात पर
गाइड कन, ना नुकर 
तेरु हकौऽ  अहंकार त नि छ
कि ? हमेश मेरी कमांड रावो।

8.
ममताऽऽ, ए ममता
सच ब्वोल, तेरा मन मा 
यो सवाल छै कि ना ?
पतंगे ड्वोर ढीली छवाड़ा त
वा भौत दूऽर तलक उड़ी जांद 
पर ! ते कु कटणें डौर रैन्दी
अर, टेट करा त 
स्या उड़ी नि सकद
जति तै कि सामर्थ छ।

@ बलबीर राणा 'अड़िग'

No comments:

Post a Comment