जैतें खुद् नि, वा खुद ही नि छ
या त कुर्च-बुर्च छ या वेसुद छ
खुद छ त सुदबुध छ, जी जमाण छ
खुद नि ढुंग छ या बुद्ध भगवान छ
खुद मा खुद होंण धर्ती कु पर्वाण छ
खुद मा खुद नि शून्य छ आसमान छ
खुद मा खुद् छ त मनखि माणि च्वोळा छ
खुद नि त झाड़ी/पौंछि पिस्यों थौला छ
खुद छ त जीवन छलबळ सौंण भादो छ
बिगैर खुदो मनखि, ठडयों म्वळो मादो छ
कंयारी छै वा मयाळी छै, जर्रा नखर्यळी छै
सब्योंक सामणि नि ओंदी वा तति शर्मयाळी छै
क्वांसिली छै वा यकुली लुकि-लुकी रुवोन्दी छै
माँ माटी की पीड़ा वा औंशू दगड़ बगांदी छै
खुदs कोंकळी कळामळी मायो उलार छ
जिकुड़ी उबलणु ज्वालामुखी भभकार छ
खुदs यादों कुट्यरि ज्यू पांजी संमोण छ
हर्यों भर्यों बण मा खुदेड़ हिलांसे भौंण छ
खुद होण से खुदs, भिज्यां पिड़ाण्दी/बिणादी छै
क्या बाळो क्या ज्वान, बुड्यों तलक बिथांदी छै
ये खुदे क्वी उमर नि सब्योंक सांका पड़ी जांदी छै
खुद कु एसास दिलोंदी अपणुपन बिगांदी छै।
कुर्च-बुर्च - बुरी तरह से टूटयों
पर्वाण - सक्षम
पिस्यों - आटे का
क्वांसिली - कोमल, भावुक
@ बलबीर राणा 'अड़िग'
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