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Saturday 12 October 2019

मनसा


मन मा कबि कबि
स्वचणों छ कि
माया/पिरेमा बिगैर
अपणैस से दूर
यकुलांस का दगड़
जीवन जात्रा करि जावो
फर ज्यू तौं रुखड़ा बाटों का
कांडा कण्डालीss  दयेखि
झझराणों छ किले ?
वा बुद्ध अर ध्रुव
मनखि नि छाँ क्या?

@ बलबीर राणा 'अड़िग'



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