धर्ती पर जीवन संघर्षों वास्ता च, आराम त यख बटिन जाणा बाद, ना चै किन बी कन पड़ल, ये वास्ता लग्यां रावा, जत्गा देह घिस्येली उत्गा चमक, उत्गा संचय जु यख छुटलू। @ बलबीर राणा 'अडिग'
जेठ ज्वानि कु, तातु उमाळ बैठिग्ये बस्ग्यालक उलार देखी तेरु रुसाण संशय कनु विधाता कखि बौगी न जों, ज्यु झुराणु तेरु गुस्सा देखी।
SOS =safe our sole मितें बचावा मेरी ज्यान जाणी © सर्वाधिकार सुरक्षित www.ranabalbir.blogspot.in
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