बादळ हरामी साला, धौळा-धौळा काळा-काळा,
काल बणि औणा बोला, फटणा फटाक चा।
होणु-खाणु घर-बार, मिलट मा वार-पार,
डुकरदा रोला-गाड़, कना सफाचट चा।
सर्ग बण्यूं भौंकाल, डौरौ नौ बसग्याळ,
जान ऐगे गाळ-गाळ, कनु कलो-काल चा।
जंत जोड़ जौंतैं पाळि, दबेणि सु गाजी साळी,
हैंसदि जिंदगी होंणि, पल मा मड़ान चा।
हिलणि पाड़ै कि जड़, भर्र-भर्र धड़-धड़
सड़क्यूँ कि चीरफाड़, कनि या बरखा चा
विकास बिणास होंणू, पाड़ रुणू दणमण,
राजी-बाजी घौर-कूड़ि, होणी खंद्वार चा।
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