चुनौ चुनौती च, समझदरि से काम कन,
हैकाऽ ना अपणा मर्जिल मतदान कन ।
आपौ वोट अमोल च गौं भबिस्या वास्ता,
इलै सोचि-बिचरि अपणा वोटौ दान कन ।
अजाणन त जिती बि अजाण ही रौण,
जणगुरु तैं वोट द्ये गौंऽको उथान कन।
वेकि योग्यतै परख तुमरि योग्यता च,
इलै योग्य तैं चुनी योग्यतौ काम कन।
दारू-मासू अर द्वी पैंसा मा बिकण,
छ यनु काम लोकतन्त्रौ अपमान कन।
जात-बिरदरि, ख्वाळा, भै-भयात से भैर
काबिल कंडीडेट तैं ही समर्थवान कन।
सुद्दी बखौंण मा वोट नि चुट्याण अडिग,
बींगी-भाली ग्राम समृद्धी वास्ता श्रमदान कन।
रचना - बलबीर राणा ‘अडिग’
No comments:
Post a Comment