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Thursday, 17 July 2025

दगड़यूळ




चांचड़ि झुमैले अंग्वाळ होंद दगड़यूळ, 
चौंफुला कि ताल-चाल होंद दगड़यूळ।

जागरि का भंयौर, कथा का हुंगरा,
ढोल-दमुवे साजि ताल होंद दगड़यूळ। 

नि होन्द दगड़यौं मा क्वी छ्वटू बड़ौ, 
एक हैकू ऐसास ख्याल होंद दगड़यूळ।

साजि उच्छयाद अर साजि हैंसा-रौळि, 
बाळों जनु घपरौळ घ्याळ होंद दगड़यूळ।

खट्टू तीखौ तिता से भैर आयूं ज्वा,
वीं पक्यां आमै मिठ्ठास होंद दगड़यूळ। 

ठौल-ठौल निभाणें खानापूर्ति ना अडिग,
करिजों मा बजदि धुंयाळ होंद दगड़यूळ।


@ Adig

16 Jul 25

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