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Sunday 11 August 2024

ननि कानी : ज्यूण म्वन दगड़ै


 


बिजू अर सरिता बाळौं जन लटमौळया ख्यौलणा छया बिस्तर मा।
सरिता – छि ! तुम बुढ्या बि नि हौण्यां क्या अज्यूं ? वीन बिजू फुन्ड धक्येन ।
बिजू - ना रे ना, मेरी ज्यान ! त्वै देखी कैन हौण बुढ्या ! तेन वींकि चुटकी काटी। अच्छा ये बतौ जति प्यार मैं करदू त्वै सि वति तु बि करदी क्या ?
सरिता- तुम क्या चिताणा इनी खाई मिन बेदी मा सात जलम तलक दगड़ु निभाणूं कसम। संग जीना संग मरना।
बिजू- अच्छा ! हे मेरी गिच्ची !  सच्ची बोल ?
सरिता - अरे भ्यासौ क्या सच्ची बोल ? अजमै कि दिखावा त।
बिजू - ओ ! ठीक । तेल अग्वेड़ बोली, चल यार आज कखि घूमण चलदां।
सरिता - घूमण त ठीक पर गाड़ी ?
बिजू - गाड़ी क्या मतलब सुद्दी लय्यीं मेरी सु स्वीफ्ट डिजैर पिछला मैना
सरिता - अच्छा... ! स्वीफ्ट डिजैर। चला बे चला, अज्यू ढंग सि चलाण नि सिख्याँ अर चला घूमणूं। मैं नि औण्यां तुमू दगड म्वनू  


कानी-बलबीर राणा 'अडिग'
11 Aug 2024

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