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Thursday, 12 January 2023

पाँच पंचक

 


1.

वोट मेरु

भडू तौं कु

पाणी मेरु

तीस तौं कि

जमीन मेरी

हळया तौं कु

नाज मेरु

कुठार तौं का

रसौड़ू मेरु

लदौड़ी तौं की

मितैं क्या दिनी रे

विकास ! त्वेन 

घुनत्या ?

 

2.

क्वै भजैन

क्वै भाजिन

द रे विकास

रीता कनु

आई तू पाड़ौं मा। 

 

3.

कब्बी दबिन

कब्बी रौड़ी बगिन 

अब रयीं सईं

दड़-दड़की चीरिन

ऐ...रे विकासऽऽ ?

छ रे ! कुछ हौर ?

बिणासौ विज्ञान

तै बि बुलौ दों बल।

 

4.

ना पूछ बाबू !

अब त आदत पड़िगे

रूण-धूणें-डाड मने

थौकि कि जमाणें

ज्यूँरा का छवाड्याँ

अवशेष टीपणें

नै कुटमणा जिमाण-जंपणें

स्वेंणा सजै, हैंसणें

अर फेर

डाड मारी पच्छाड़ खाणें

ये शरेल मा सांस तलक। 

 

5.

द्यबता बसायी छौ, द्यबतोन

आस्था लूटी तुम सब माबुतोंन

अब किलै छन डाड मना

जब पाप करि सब्योन।

 

@ ©® बलबीर राणा अडिग

12 जनवरी 2023

 

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