उन त मास्टर जी
सीधा साधा छाया
पर गुस्सा मा कै खुणि
नि बकसदा छाया।
एक दिन द्वी नौन्याळों
पर भौत बिगड़ी गयां
वूं का झगड़ा बीच
अफूं रिबड़ी गयां।
मास्टर जिन बोलि
किलै बे सोर का बच्चो
तुम किलै रिबड़ना छाँ ?
तै अपणी घर कुड़ी झगड़ा
यख किलै कना छाँ ?
मास्टर जिन यति क्या बोली
कि ! तौन मास्टरो कंठ धधौड़ी,
बल!
मास्टर सोर कु बच्चा कै खुणि बोली
आपन अपणी जुबान किलै नि तोली।
मास्टर जी लाचार ह्वाया
बल मिन यति बिचार काया
चलों अब तुम मामला शांत कैरा
अग्ने यूं बातों ध्यान धैरा।
बल, मास्टर जी ध्यान त, अब तुम धारला
अब अपणु जबाब, फेसबुक मा ही द्याला।
*घपरौळा* बीच आप घुस्येनी
गाळि हमुन ना तुमुन दिनी।
मास्टर जी, बात गाळि की छै
बात रिर्कोड ह्वेगी, आळि जाळि नि छै।
मामला मंत्रालय तक
बि पौंछि सकदू
सोर कु बच्चा न जाण
कख कख घुसि सकदू।
मास्टर जी अचम्भा मा पोड़िग्ये
जब तिसरु रिर्कोड कनु दिखीग्ये
स्वचणु रौ क्या जमाना एग्यों
तबि त गुरु मास्टर बणि रैग्यों
तबि त गुरु मास्टर बणि रैग्यों।
@ बलबीर राणा अड़िग
Udankaar
Udankaar
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