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Monday 17 February 2020

बिरड़ीं माया




बिरड़ीं माये अल्झीं गेड़ मिली बांटी खोलूला
खत्यां छाँ जु दिन हमारा  दुबारा समाळोला

बिरड़ण्यां छाँ ये बाटा से हचर्यां कतै नि छाँ
अग्ने बाटू खुटी मा खुट्टू धरिं  दगड़ै पुर्योला

आँखि त बच्याणी छै गिचैऽक क्या छै मजबूरी
तै तैं कंठ से उब औंण द्ये भैर मि थामी ल्योला

द्वि आँशू ऐ बी जैला बैमों खौड़ बौगी जालू
रूवेकिन ज्यू हळको ह्वलू बैठ दगड़े बगोला

यो पिरेम आत्माओं छै दिमागऽन कनै हत्येनी
कैन वा जुकुड़ी हिलेनी चल वीं तैं ख्वजोला  
   
आसा किल्वाड़ा तैं विश्वासा गैनू  बणौला
गृस्थै पाळी बंधि एक नयुं गुठ्यार सजौला  

चल सामळ पांज अब नि रौण धर्म जाता गौं 
कखि दूर चखुल्यां  देश प्यारो घ्वोळ बणोला

छकि माया गीत लगोळा  वखि तीस बुथ्यौला
एक बादळ हैकु पाणी बणि गर्जी गर्जी बर्खोला  


@ बलबीर सिंह राणा ‘अडिग’


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