बिरड़ीं माये अल्झीं गेड़ मिली
बांटी खोलूला
खत्यां छाँ जु दिन हमारा दुबारा समाळोला
बिरड़ण्यां छाँ ये बाटा से हचर्यां
कतै नि छाँ
अग्ने बाटू खुटी मा खुट्टू धरिं दगड़ै पुर्योला
आँखि त बच्याणी छै गिचैऽक क्या
छै मजबूरी
तै तैं कंठ से उब औंण द्ये भैर मि थामी ल्योला
तै तैं कंठ से उब औंण द्ये भैर मि थामी ल्योला
द्वि आँशू ऐ बी जैला बैमों
खौड़ बौगी जालू
रूवेकिन ज्यू हळको ह्वलू बैठ
दगड़े बगोला
यो पिरेम आत्माओं छै दिमागऽन कनै
हत्येनी
कैन वा जुकुड़ी हिलेनी चल वीं
तैं ख्वजोला
आसा किल्वाड़ा तैं विश्वासा गैनू बणौला
गृस्थै पाळी बंधि एक नयुं गुठ्यार
सजौला
चल सामळ पांज अब नि रौण धर्म
जाता गौं
कखि दूर चखुल्यां देश प्यारो घ्वोळ बणोला
छकि माया गीत लगोळा वखि तीस बुथ्यौला
एक बादळ हैकु पाणी बणि गर्जी
गर्जी बर्खोला
@ बलबीर सिंह राणा ‘अडिग’
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