धर्ती पर जीवन संघर्षों वास्ता च, आराम त यख बटिन जाणा बाद, ना चै किन बी
कन पड़ल, ये वास्ता लग्यां रावा, जत्गा देह घिस्येली उत्गा चमक, उत्गा संचय जु यख छुटलू।
@ बलबीर राणा 'अडिग'
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Friday, 27 September 2019
द्वगुण ब्याज
बाटा पुन मितैं आज
अँज्वाळ भरि बगत मिली
जु द्खण मा तऽ माया जन छै
फरऽऽ ज्या बी ह्वो,
त्वे मा सौंपणु बी छौं
अर
त्यारा ज्यु मा इन्वेस्ट बी कनु छौं
जर्वत पड़लीऽ त
द्वगुण ब्याज दगड
दियां लेऽऽ।
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