(द्वी घड़ी)
हर फजल एक नै शुरवात ह्वेली
नयाँ लोग मिळला नै बात ह्वली
गुजरयूं बगत हैंसणे कोशिस कर्लो
तैका हाल पर जरा कबलाट ह्वेली
तों आंख्यों की जोत समाली रख्यां
चलदा चलदा बाटा पुन रात ह्वेली
आज ही नि छ जु अब्बी सब खत्यांन
समे की बात भोळ क्या हालात ह्वेली
तेरा ज्यू मा बी पिड़ा मेरा ज्यू बी आशा
चल कखि दूर रौंतेली धार मा बात ह्वली
सम्माली राख्यान ते छळकदी ज्वानी
न जाण भौरों कख मुलाकात ह्वेजली
पैटी जा चल हपार फूलों का देश मा
वखि अब द्वियों की च्छविं बात ह्वेली
ज्यू पांजी रख्यान क्वे सुण न साको
निथर दुर्जन जमाने क्या कर्मात ह्वेली
बैठी जौला द्वी घड़ी माया मा ख्वे रौला
फिर न जाण कै जलम मा मुलाकात ह्वेली
@ बलबीर राणा "अडिग"
हर फजल एक नै शुरवात ह्वेली
नयाँ लोग मिळला नै बात ह्वली
गुजरयूं बगत हैंसणे कोशिस कर्लो
तैका हाल पर जरा कबलाट ह्वेली
तों आंख्यों की जोत समाली रख्यां
चलदा चलदा बाटा पुन रात ह्वेली
आज ही नि छ जु अब्बी सब खत्यांन
समे की बात भोळ क्या हालात ह्वेली
तेरा ज्यू मा बी पिड़ा मेरा ज्यू बी आशा
चल कखि दूर रौंतेली धार मा बात ह्वली
सम्माली राख्यान ते छळकदी ज्वानी
न जाण भौरों कख मुलाकात ह्वेजली
पैटी जा चल हपार फूलों का देश मा
वखि अब द्वियों की च्छविं बात ह्वेली
ज्यू पांजी रख्यान क्वे सुण न साको
निथर दुर्जन जमाने क्या कर्मात ह्वेली
बैठी जौला द्वी घड़ी माया मा ख्वे रौला
फिर न जाण कै जलम मा मुलाकात ह्वेली
@ बलबीर राणा "अडिग"
No comments:
Post a Comment