रैली अपणी हदबंदी जब ह्वोलि चकबंदी
नि रैली दूर धार गाड़ पुंगड़ी पाटळी
काम धाणी ह्वोलि सन्क्वाळी ।
भैजी/भुलाओ अब निरास ना हो
गरीब क्रांति की आश जगी हो
तेरा नो की ह्वोलि तेरा पुंगडूं घेराबंदी
रैली अपणी हदबंदी जब ह्वोलि चकबंदी।
बांजा डोखरी सूनी तिबारी त्वे भट्याणि हो
पिछने मुड़िक देख तेरु यु गौं त्वे धै लगाणी हो
ना जा मुख मोडी भुला त्वे तेरी ब्वै बुलान्दी
रैली अपणी हदबंदी जब ह्वोलि चकबंदी।
मार अंग्वाल तों धार कांठा की पुंडगि हो
बोंलाँ बिटो कमर कस तेरा हक़ की यु लड़े हो
गरीब क्रांति की अलख त्वेन देळी देळी जगान्दि
रैली अपणी हदबंदी जब ह्वोलि चकबंदी।
नि भटकलु तु अब दिल्ली की सड़्क्यों हो
बेरोजगारक रुण–धूण सरकारक मुख ताकण हो
अपण हाथ अपणु भविष्य त्वेन खुद ल्येखंण
रैली अपणी हदबंदी जब ह्वोलि चकबंदी।
गीत:–बलबीर राणा 'अडिग'
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