जबारी बि सु छुट्टी मा घौर औन्दू
जरा सि घौर अर जरा सु बदली जांदू
तै ऊणि मि हौर कमजोर अर बुड्या त
मितैं सु खूब डमडमौ सयांणू नजर औन्दू।
स्या इलै जादा मयाळी निमाणी ह्वे जांदी
म्यैल्यो सु अब ब्वै मु होणी खाणी लगान्दू
वींन भी चितैली कि येल फाँगी पकड़याली
अर सु अफूँ तैं टुकू पौंछणू हौंग चितांदू।
जबारी बि सु......
तै से अब नि रैंदी क्वै सिकैत कमी हमुतैं
सु हमारा गुजराट को दिक नि चितांदू
कभी सुणे भी जांदा हम नखरी सकरी त
सु या हुंगरा देंदू या मुल मुळकी जांदू ।
जबारी बि सु......
मुखड़ी फर चिमुड़ा हमारा बड़णा
काँधा झुक्याँ सु अपणा चितांदू
पैंसें फिकर ना कैर मि बोल्दू छौ कब्बी
अब वीं बात घौर बटे जांद सु द्वौरान्दू।
जबारी बि सु......
भलि बुरी छवटी बड़ी समझाण बैठयूँ सु
म्यैल्यौ गिरस्थी फंची अफूँ उठाण चान्दू
समै चकर फिरड़ी अपणी जगा औन्दू साब
इलै नोनू भी एक दां ब्वै बाबा बणी बुथ्यान्दू।
जबारी बि सु......
©® बलबीर राणा 'अडिग'
20 नवम्बर 2023
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