जब बाड़ ही उज्याड़
खै जों, त भल कने होण,
जु पाळि बांधी
वी गेंडु कटु ह्वो, त भल कने होण।
अपणु नि देखणा
हाल दुसरा देणा स्वाल धै लगे,
सुदि अपणा गिच्चै
बौराण बणण मा, भल कने होण।
बिरालुं क्या
मूसा पराण जों त जों, वेन खेलणे छ
हरंया बोण आग
लगाणें मंसा से, भल कने होण।
जौं कु अपणा
बुबा फर बी विस्वास नि तौं कु क्या
बिगैर गेंडौ
किल्वड़ा सवालों बदिन भल कने होण।
घौर ख्वे घर
कूड़ी, बौण ख्वै पितर कूड़ी तौं क्या हर्चीं
यख घौरा भेदी
लंका ढोण पर लग्यां त भल कने होण।
अडिग झूट लाण
गंगा पार, जु निभी जों दिन चार
भुला इनि पराले
बर्तो सांगु खैंचला त भल कने होण।
बर्त - भारी सामान या रस्सा कस्सी के काम लाया जाने
वाला मोटा रस्सा
@ बलबीर सिंह राणा अडिग
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