ऐरां शब्द सूणी
झिकुड़ी मा डाम लगि जांद
हल्या त ठिक च
मि होल लगान्दू
पर ! ऐरां कु क्या मतलब?
ब्वे न बोली
त्यारा बसो कुछ नि
निकाजु मणखी?
द्वी बल्दों पुच्छयडू मडकान्दू
तैकु ही ऐरां च,
मैं सोच मा पड़ीs
कि भाई हल्या ही
धरतिल फाड़ि
अन्नsल ही उगांद
अर मणखी क्या जी जबानों
पुटुग भरिन
वा कम्प्यूटर, मशीन
मोटर-गाड़ी, बंदूक
ग्वाला-बरूद कैका
चुलाणा नि पकणा देखी अज्यों तक
अर गू भी अन्न को ही देखी
लोहा-लकड कैन भी नि हगी
ज्यान जीवोंण वालू
निकजु किले
समझ से परे।
@बलबीर राणा "अडिग'
No comments:
Post a Comment