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Thursday, 17 July 2025

दगड़यूळ




चांचड़ि झुमैले अंग्वाळ होंद दगड़यूळ, 
चौंफुला कि ताल-चाल होंद दगड़यूळ।

जागरि का भंयौर, कथा का हुंगरा,
ढोल-दमुवे साजि ताल होंद दगड़यूळ। 

नि होन्द दगड़यौं मा क्वी छ्वटू बड़ौ, 
एक हैकू ऐसास ख्याल होंद दगड़यूळ।

साजि उच्छयाद अर साजि हैंसा-रौळि, 
बाळों जनु घपरौळ घ्याळ होंद दगड़यूळ।

खट्टू तीखौ तिता से भैर आयूं ज्वा,
वीं पक्यां आमै मिठ्ठास होंद दगड़यूळ। 

ठौल-ठौल निभाणें खानापूर्ति ना अडिग,
करिजों मा बजदि धुंयाळ होंद दगड़यूळ।


@ Adig

16 Jul 25

Friday, 11 July 2025

चुनौ चुनौती

 


चुनौ चुनौती च, समझदरि  से काम कन,
हैकाऽ ना अपणा मर्जिल मतदान  कन ।

आपौ वोट अमोल च गौं भबिस्या वास्ता,
इलै सोचि-बिचरि अपणा वोटौ दान कन ।  

अजाणन त  जिती बि अजाण  ही  रौण,
जणगुरु तैं  वोट  द्ये गौंऽको उथान कन।

वेकि  योग्यतै  परख  तुमरि  योग्यता च,
इलै योग्य  तैं  चुनी  योग्यतौ  काम कन।

दारू-मासू  अर  द्वी  पैंसा  मा  बिकण,
छ  यनु  काम  लोकतन्त्रौ  अपमान कन।

जात-बिरदरि, ख्वाळा,  भै-भयात  से  भैर
काबिल  कंडीडेट तैं  ही  समर्थवान  कन।

सुद्दी  बखौंण मा वोट नि चुट्याण  अडिग,
बींगी-भाली ग्राम समृद्धी वास्ता श्रमदान कन।

रचना - बलबीर राणा ‘अडिग’