https://youtu.be/xKaAnrJDYqE?si=xR5nyb9_dqMr5sYI
आयौ रे फागुण मैना,
वसंत बहार।
आवा दगड़यौ नाचा गावा ,
हौरी को त्यौवार।
म्वारी भौंरा गीत गाणा
फूलौं-फूलौं पात
सारियूँ खिलीं पिंगळी लयाँ
हैंसदी फ्यौँली पाख
बणों मा बुराँस हैंसणू
हैंसणी डांडी धार। 2
आयौ रे फागुण मैना,
वसंत बहार।
आवा दगड़यौ नाचा गावा ,
हौरी को त्यौवार।
ढोल बाजौ दमुवा बाजी
हुड़का ढोलकी ताळ
नचा-नाची भैर भितर
ज्वानों को उछयाद
रंगौं मा यी खाणि-पीणी
रंगौ को सिंगार।
आयौ रे फागुण मैना,
वसंत बहार।
आवा दगड़यौ नाचा गावा,
हौरी को त्यौवार।
दाना संयाणा रंगमत
बाळा खेलवार
हौळयारौ की डार ऐगे
खौळा अर तिबार
साज-बाज सजिगेनी
सजीगे पैरवार।
आयौ रे फागुण मैना,
वसंत बहार।
आवा दगड़यौ नाचा गावा,
हौरी को त्यौवार।
थौ बिसौंला काम-धाणी
बिसौंला खुद पराज
मेरु-तेरु तब ह्वे जैलो
गौळा भिंटोला आज
झिट घड़ी रंगमत रौला
रंगिलौ छ दिनबार।
आयौ रे फागुण मैना,
वसंत बहार।
आवा दगड़यौ नाचा गावा,
हौरी को त्यौवार।
@ बलबीर राणा 'अडिग'
No comments:
Post a Comment