***वे दिने बात***
ऐजा सांखि लगि जा जरा, जाणो बगत ह्वेगी
फेर इकुलांसे पिड़ा मा बिब्लाणो बगत ऐग्ये।
भ्वोळ बटिन न तु ह्वेली न मि सामणि ह्वलू
अग्ने उनि बडुली मा रैबार पैटाणो बगत ऐग्ये।
समाळी धैर आँख्यों का मोती जरा हैंसी जा
जांदा दौं तौं हाथियूं भुकि प्याणो बगत ऐग्ये।
ओ काखि बैठि जा घड़ेक छविं/बत लगौला
फेर गीरस्थीsक बाटू यकुली कटणो बगत ऐग्ये।
द्वी गफ्फा खल्लै दे तौं हाथोंsन, धौ कैर दये
बिनबर्खो च्योली जन तिसलू रोणों बगत ऐग्ये।
मिन त फुर्र उड़ी जांण पंछी बण वे परदेश मा
राती दिन तेरु वा फोन मा रुसाणो बगत ऐग्ये।
चल पैटे दे पिठ्ठू मेरु अपणी समोंण बी पांजी दे
आंख्यों मा त्येरी सुवा आंसूं तबराणो बगत ऐग्ये।
@ बलबीर राणा 'अड़िग'
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